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ई-पुस्तकें >> खामोश नियति

खामोश नियति

रोहित वर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :41
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9583

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कविता संग्रह

शैतान

झुलसती आग में कुछ जलते हुए अक्षर कुछ कहने की कोशिश में थे, वो हक़ीकत या उससे परे कुछ, फिर मासूम दिल की आड़ में शैतान की बस्ती, कुछ तो है पन्नो में जो आधे लिखे हुए है, फिर इंतजार करता रहेगा, जब तक वो आग की राख में तलाश में जहांन की ना कर ले|

धुआँ बाकी है उस आग में,

वो अभी बुझी नहीं,

लिखा है कुछ तस्वीर में,

वो अभी पढ़ा नहीं,

बाकी हैं, कुछ खाली पन्ने इस किताब के,

जो अभी लिखे नहीं,

इंतजार है जब तक,

मैं खुद से मिलता नहीं,

आज ....कल .....और हमेशा......

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Rohit Kumar

Respected Sir/Madam, I am very much thankful for this book....