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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

12. गीत ख़ुशी के गाये जा

 

गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।
तेरा दिल तो बहलेगा ही सबका दिल बहलाये जा।।

पतझर मत गा तू बहार गा
नफ़रत मत गा सदा प्यार गा।
फूलों के सँग तू न खार गा
फूलों को गा और हार गा।
तेरे सँग-सँग दुनिया गाये ऐसी तान सुनाये जा।
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।।

राँझे को गा और हीर गा
ग़ालिब को गा और मीर गा।
हर दिल छू ले वो नज़ीर गा
मीरा को गा तू कबीर गा।
जो भी तुझसे मिले प्यार से उससे हाथ मिलाये जा।
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।।

मौज बहुत है सस्ती तू गा
जीवन की हर मस्ती तू गा।
तेरी क्या है हस्ती तू गा
जाकर बस्ती-बस्ती तू गा।
बादल बनकर बारिश कर तू सबकी प्यास बुझाये जा।
गीत ख़ुशी के गाये जा तू ग़म को दूर भगाये जा।।

 

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