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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे


 

अपने काव्य-गुरु डॉ. कमलेश द्विवेदी जी के प्रति


जिस दीपक से आलोकित हो गीत-ग़ज़ल मैं गाऊँ,
जिनकी रचना के प्रवाह का गंगाजल मैं पाऊँ।

जिसने मेरे जड़वत चिंतन को चैतन्य किया है,
जिसने मुझे सिखाकर सब कुछ मुझको धन्य किया है।

शब्द-भाव-यति-गति छंदों का दान नहीं मिल पाता,
आप न मिलते तो कविता का ज्ञान नहीं मिल पाता।

सहज-सरल बोली में सच्ची बातें जो बतलाते,
यदा-कदा ही ऐसे कविगण इस धरती पर आते।

करूँ 'अर्चना' यही हृदय से यों ही लिखते जायें,
कालजयी हों गीत आपके सब को सुख पहुंचायें।


 - अर्चना पांडा
 हिंदी कवयित्री
 कैलीफोर्निया (अमेरिका)

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