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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

37. दिल में कितनी ही बातें हैं

 

वैसे तो तुमसे कहने को दिल में कितनी ही बातें हैं।
पर जब तुम कहते हो-कह दो, हम न एक भी पाते हैं।।

मन तो करता है दिल की सब
बातें अधरों पर आ जायें।
लेकिन हम तुमसे कहने में
जाने क्यों इतना शरमायें।
किस तरह कहें दिल की बातें-अक्सर दिमाग़ दौड़ाते हैं।
वैसे तो तुमसे कहने को दिल में कितनी ही बातें हैं।।

हम कभी किसी दिन हिम्मत कर
तुमको हर बात बता देंगे।
जो भाव हमारे दिल में हैं
वो सारे भाव जता देंगे।
पर देखो ऐसे पल किस दिन अपनी क़िस्मत में आते हैं।
वैसे तो तुमसे कहने को दिल में कितनी ही बातें हैं।।

आपस में दिल के तारों के
जुड़ने की ऐसी सूरत हो-
ये दिल बोले वो दिल सुन ले
कहने की नहीं जरूरत हो।
सच पूछो तो ऐसे रिश्ते दिल के रिश्ते कहलाते हैं।
वैसे तो तुमसे कहने को दिल में कितनी ही बातें हैं।।

 

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