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अकबर - बीरबल

गोपाल शुक्ल

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :149
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9680

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अकबर और बीरबल की नोक-झोंक के मनोरंजक किस्से


तीन गधों का बोझ


बादशाह और उसके दो पुत्रों को नदी में नहाने का शौक था। बीरबल भी कभी-कभी उनके साथ नदी जाता था पर कभी नदी में नहाता नहीं था। बादशाह और उसके दो पुत्र एक दिन बीरबल के साथ नदी में नहाने गए और नदी में नहाने लगे। बीरबल नदी के किनारे जाकर बैठ गया और बादशाह और उनके पुत्रों के वस्त्रों की नदी किनारे रखवाली करने लगा। बीरबल ने उनके वस्त्र अपने कंधों पर टांग लिये। बादशाह को बीरबल को हमेशा से छेड़ते रहने की आदत थी। नदी में खड़े-खड़े बादशाह सलामत ने बीरबल को छेड़ा और कहा कि ऐसा लगता है कि तुम्हारे कंधों पर एक गधे का बोझ लदा है।

बीरबल भला कब चुप रहने वाले थे तुरंत बोले, "हुजूर एक नहीं दो नहीं तीन गधों का।"

बादशाह यह सुनकर फौरन चुप्पी साध गए क्योकि तीनों के वस्त्र बीरबल ने अपने कंधों पर लटका रखे थे।

* * *


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