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हौसला

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :134
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9698

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नि:शक्त जीवन पर 51 लघुकथाएं

दिल का कलाकार


चित्रकार की इतनी सुंदर प्रतिमा देखकर राजा प्रसन्नता और गर्व से भर गया। उन्होंने कलाकार की झोली अशरफियों से भर दी और हुक्म दिया- 'कलाकार का एक हाथ काट दिया जाए ताकि वह ऐसी सुंदर प्रतिमा किसी और के लिए न बना सके।'

हाथ कटने के बाद कलाकार उस राज्य को छोड़कर दूसरे राज्य में चला गया। वहां के राजा ने कलाकार के विषय में सुन रखा था। उन्होंने कलाकार को सम्मानपूर्वक अपनी बेटी को कला सिखाने के लिए दरबार में नियुक्त कर लिया। कला सीखने के साथ-साथ राजकुमारी कलाकार को प्यार करने लगी।

कलाकार ने भव्य प्रतिमा बनाकर प्रदर्शन के लिए रखी तो सबने दांतों तले ऊंगली रख ली। आसपास के राजा भी उसे देखने के लिए आने लगे। पहले वाला राजा भी अपनी प्रतिमा से तुलना करने के लिए देखने आया। उसने कलाकार से पूछा- 'कलाकार तुमने अभूतपूर्व सुंदर प्रतिमा एक हाथ से कैसे बनाई?'

'राजन, प्रतिमा कलाकार का हाथ नहीं, दिल बनाता है...।'

जबाव सुनकर राजा का चेहरा फीका पड़ गया।

 

० ० ०

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