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वीर बालिकाएँ

हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :70
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9732

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साहसी बालिकाओँ की प्रेरणात्मक कथाएँ

श्रीहरि

त्वमेव माता  च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव  विद्या  द्रविणं  त्वमेव
त्वमेव   सर्वं  मम्  देवदेव ।।

कल्याणके 'बालक-अंक में' प्रकाशित वीर बालिकाओं के छोटे-छोटे आदर्श चरित्र इस पुस्तक में प्रकाशित किये गये हैं। ये चरित्र अपूर्व आत्मत्याग तथा बलिदान के सजीव चित्र हैं। आशा है, इन्हें पढ़ने पर हमारी बालिकाओं में बलिदान और त्याग की भावना जाग्रत् होगी। जिन-जिन पुस्तकों के आधार पर ये चरित्र हमारे विद्वानों द्वारा लिखे गये हैं, उन-उन के लेखकों के हम हृदय से कृतज्ञ हैं।

- हनुमानप्रसाद पोद्दार

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