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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

15

मुल्ला नसीरुद्दीन अपने घोड़े पर सवार होकर चले जा रहे थे। रास्ते में आम का एक पेड़ आया, उस पर पके हुए बढ़िया आम लगे हुए थे। मुल्ला ने घोड़े पर बैठे हुए ही आम की एक डाली पकड़ कर आम तोड़ना चाहा। तभी घोडा आगे बढ़ गया और मुल्ला आम की डाली पर ही लटका हुआ रह गया।

इतने में बाग का रखवाला आ पहुँचा। उसने मुल्ला को पेड़ पर लटका हुआ देखा तो बोला, 'अच्छा तो यह मक्कारी है, हजरत।

'यार, तुम भी अजीब हो, मैं तो अपने घोड़े से गिर गया हूँ और तुम हो कि मुझ पर तौहमत लगा रहे हो। मुल्ला ने मुस्कुराकर कहा।

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