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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

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मुल्ला की इच्छा तैरना सीखने की थी, लेकिन तालाब में उतरने का साहस ही नहीं होता था। फिर भी यारों-लोगों के उकसाने पर आखिर तालाब पर जा ही पहुँचा।

अभी ठीक से तालाब में उतरा भी न था कि पैर फिसल गया। तैरना सीखना तो दूर रहा, पैर में चोट और लग गई।

मुल्ला क्रोध में भरकर बोला-'कसम खुदा की, जब तक अच्छी तरह तैरना नहीं सीख लेता, तब तक पानी में कदम भी नहीं रखूँगा।'

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