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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

46

मुल्ला सैर-सपाटे के लिये जंगल में गया तो वहाँ उसे एक व्यक्ति ऐसा मिला जो एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ 'सी... सी....  सी...' कर रहा था।

मुल्ला ने उससे 'सी... सी... सी...' करने का कारण पूछा तो वह बोला- 'धत्तेरे की, तुमने मेरा सारा मजा किरकिरा कर दिया।’

'वह कैसे?' मुल्ला ने पूछा।

'अरे भाई, मैं कल्पना-लोक में तेज मसालों की सब्जी खा रहा था।' उस व्यक्ति ने कहा।

सुनकर मुल्ला हँसा और बोला-'प्यारे भाई, जब तुम्हें कल्पना-लोक में ही खाने पीने का आनन्द लेना है, तो रसगुल्ला और चमचम क्यों नहीं खाते?'

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