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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

49

'हकीम साहब, मुझे बचाइये, मैं अजीब रोग से परेशान हूँ।' मरीज ने मुल्ला से कहा।

'क्या बात है, खुलासा करके बताइये।

'मुझे दिन में कई बार क्रोध का दौरा पड़ता है। मैं अपने ऊपर झुंझलाता हूँ और आत्महत्या करने की कोशिश भी करता हूँ परन्तु सफल नहीं हो पाता।

'बस' इतनी सी बात, मेरे इलाज के बाद अवश्य सफल हो जाओगे।' मुल्ला ने मुस्करा कर जवाब दिया।

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