ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक) ऑथेलो (नाटक)रांगेय राघव
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Othello का हिन्दी रूपान्तर
कैसियो : मैं आप सब लोगों को मूर के प्रति इतना आदर दिखाने के कारण धन्यवाद देता हूँ। वे सचमुच वीर हैं। समुद्र भीषण हो गया था। तूफान ने ही मुझे उनसे विलगा दिया। ईश्वर उनकी रक्षा करे।
मोनटानो : वे जिस जहाज़ में हैं, है तो वह अच्छा न? मज़बूत तो है?
कैसियो : वैसे तो वह मज़बूत लकड़ी का बना है। उस जहाज़ का चालक भी बड़ा कुशल और अनुभवी है। अभी मेरी आशाएँ मिट नहीं गई है। मृत्यु की छाप ने मुझे ग्रस नहीं लिया है जो मैं हताश हो जाऊँ।
(नेपथ्य में-‘पाल! जहाज! पाल!' चौथे नागरिक का प्रवेश)
कैसियो : यह कैसा शोर है?
दूसरा नागरिक : सारा नगर तो खाली पड़ा है। समुद्र-तीर पर खड़ी भीड़ चिल्ला रही हैं-पाल! पाल! जहाज़!
कैसियो : मुझे तो लगता है कि यह नए गवर्नर ही होंगे।
(तोपों की सलामी सुनाई देती है।)
दूसरा नागरिक : सलामी देने का मतलब है कि दोस्त जहाज़ ही आया है।
कैसियो : मेरी विनय है कि आप स्वयं जाकर ठीक पता चलाएँ कि कौन आए हैं।
दूसरा नागरिक : मैं जाता हूँ!
(प्रस्थान)
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