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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

ब्रैबेन्शियो : यह कौन मुझे इस बुरी तरह चिल्लाकर बुला रहा है? आखिर क्या बात है?

रोडरिगो : श्रीमान्, क्या आपका सारा परिवार घर में है?

इआगो : क्या आपके द्वारा सब सुरक्षित हैं? बन्द हैं?

ब्रैबेन्शियो : लेकिन इन सवालों के पूछे जाने का मतलब क्या है?

इआगो : श्रीमान्, आप लूटे जा रहे हैं और आपको पता भी नहीं है! अपनी इज़्ज़त को ढंकने का प्रयत्न करिए। आपकी की लड़की आपको छोड़ गई है। इस समय, हाँ इसी समय, अभी-अभी। एक अधेड़ काला मेंढ़ा ( हिन्दी में मेंढे की मादा के लिए भेड़ के अतिरिक्त शब्द नहीं है, और इस भाव का कोई समानान्तर भी नहीं है। ) तुम्हारी लाड़ली गोरी भेड़ को फुसला रहा है। जागो, जागो, बजा दो घण्टा और जगा दो इन नींद में खुर्राटे भरते हुए नागरिकों को, वर्ना वह शैतान आपको नाना बनाकर छोड़ेगा। मैं कहता हूँ जागिए!

ब्रैबेन्शियो : क्या कहा! पागल हो गए हो क्या?

रोडरिगो : अरे सम्मानित श्रीमन्त! आप मेरी आवाज़ पहचानते हैं?

ब्रैबेन्शियो : नहीं, कौन हो तुम?

रोडरिगो : मेरा नाम रोडरिगो है।

ब्रैबेन्शियो : इस नाम सो तो तुम्हारा स्वागत और भी कम होगा। मैंने तुमसे कह दिया है कि मेरे घर के चक्कर मत लगाया करो। मैं साफ शब्दों में तुमसे कह चुका हूँ कि मेरी लड़की तुम्हारे लिए नहीं है। और अब खाना खाकर, डटकर शराब पीकर तुम नशे में यहाँ आए हो कि अपनी ईर्ष्या, प्रतिहिंसा और नीचता का प्रदर्शन करते हुए तुम मेरा विरोध करो और मेरी नींद बिगाड़ो।

रोडरिगो : शान्त होइए श्रीमन्त! शान्त होइए!

ब्रैबेन्शियो : लेकिन याद रखो कि मेरी शाक्ति और मेरी आत्मा इतनी निर्बल नहीं कि तुम्हें इसका कड़वा फल न चखा सके।

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