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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

रोडरिगो : धीरज धरिए श्रीमान्!

ब्रैबेन्शियो : तो बताओ यह चोरी-डकैती की बकवास क्या है? यह वेनिस है और मैं किसी बियाबान में तो नहीं रहता?  

रोडरिगो : परम सम्भ्रान्त ब्रैबेन्शियो! मैं आपके पास बडे ही सच्चे दिल से आया हूँ। मेरी आत्मा बिल्कुल शुद्ध है।

इआगो : श्रीमान् आप उन लोगों में से हैं जो शैतान के कहने से भगवान की भक्ति भी नहीं कर सकते, क्योंकि आप जानते हैं कि बुराई में से अच्छाई कभी नहीं निकल सकती, क्योंकि हम आपकी सहायता करने आए हैं, आप हमें गुण्डा समझते हैं? आपकी लड़की को एक मस्ताने घोड़े ने घेर लिया है, आप अपनी सन्तान को हिनहिनाता देखना पसन्द करेंगे? आप अपनी लड़कियों के लिए मूर (मूर ऑथेलो भी है, अफ्रीकी घोड़ा भी। उस समय के साहित्य में कितनी मुखरता का उदाहरण मिलता है। ) घोड़ों का प्रबन्ध करेंगे?

ब्रैबेन्शियो : ज़रूर ही तू ऊँचा बदमाश है।

इआगो : आप ज़रूर हैं, सिनेटर जो हैं। ( यह व्यंग्य है। )      

ब्रैबेन्शियो : इसका तुझे जवाब देना होगा। रोडरिगो, तुझे तो मैं जानता हूँ!

रोडरिगो : श्रीमान्! मैं हर बात का जवाब दूँगा! लेकिन कृपया यह बताएँ कि क्या आपकी भी इसमें कुछ रज़ामन्दी थी कि आपकी लाड़ली बेटी इस तरह रात की अन्धेरी बेला में सिर्फ एक माँझी के साथ, न सिपाही, न रक्षक, एक किराए के टट्टू नीच माँझी के साथ (वेनिस में नहरें बहुत हैं; जिनमें नावें चलती हैं।) वासनामत्त मूर के आलिंगन में बद्ध होने के लिए गई है? अगर ऐसा हो तो बता दें। शायद आपकी भी ऐसी कुछ इच्छा इस कार्य में रही हो! अगर आप इसे जानते हों तो हम अवश्य इस कोलाहल के लिए अपराधी हैं, घोर अपराधी हैं। लेकिन अगर आपको इस विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं है, तो जहाँ तक शिष्टाचार का मेरा ज्ञान है, मैं यही कह सकता हूँ कि आप हमारे प्रति अशिष्ट रहे हैं। यह न समझें कि आप जैसे सम्भ्रान्त और ऊँची स्थिति के व्यक्ति से ऐसे विषय में हम मज़ाक़ कर जाएँगे, इतनी बुद्धि औऱ शिष्टता हम भी जानते हैं। मैं फिर दुहराता हूँ कि यदि आपकी पुत्री ने आपकी कोई आज्ञा इसमें प्राप्त नहीं की है, तो उसने आपके प्रति जघन्य अपराध किया है क्योंकि उसने अपने कर्तव्य, सौन्दर्य बुद्धि और वैभव को एक अमित व्ययी भटकते हुए वासनामत्त पुरुष के साथ बाँध दिया है, जो आज यहाँ है कल कहीं और है। आप मेरी बात की सच्चाई की जाँच करें। अगर वह अपने कमरे में हो या आपके सारे घर में कहीं हो तो राज्य के विधाता के अनुसार आप मेरे इस धोखा देने के प्रयत्न के लिए मुझे कड़े से कड़ा दण्ड दें, मैं तैयार हूँ।

ब्रैबेन्शियो : बत्ती जलाओ! अरे कोई है! मुझे रोशनी दो! कहाँ हैं मेरे आदमी, उन्हें बुलाओ! क्या जो मैंने सपना देखा था वह दुर्घटना उसकी सच्चाई की ओर उँगली नहीं उठाती! अभी से मुझे भय होता है कि यह सत्य ही है। अरे रोशनी दो, मुझे बत्ती दो! (बत्ती-मशाल )

(प्रस्थान)

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