|
उपन्यास >> आशा निराशा आशा निराशागुरुदत्त
|
203 पाठक हैं |
जीवन के दो पहलुओं पर आधारित यह रोचक उपन्यास...
‘‘यद्यपि हत्या करने वाला एक खाकसार था, परन्तु इस्कन्दर का गुप्त हाथ इस हत्या में कहा जाता है। डॉक्टर खान रिपब्लिकन पार्टी का नेता था और इस्कन्दर मुस्लिम लीग का।’’
‘‘इस्कन्दर मिर्जा पूर्वी पाकिस्तान से पश्चिमी पाकिस्तान में आया ही इस कारण था कि वह दोनों पाकिस्तानों का गवर्नर जनरल बनकर अपनी राजनीति चलाना चाहता था। इस सब नीति में अय्यूब खान उसकी सहायता करता रहा था।’’
‘‘डाक्टर खान की हत्या के पश्चात् मुस्लिम लीग बल पकड़ने लगी और उसके प्रधान अब्दुल क्यूम खान ने कई हजार नेशनल गार्ड्स के रूप में स्वयंसेवक भरती कर लिए और पाकिस्तान में विप्लव उत्पन्न करने का यत्न करने लगा।’’
‘‘इस समय इस्कन्दर मिर्जा ने असेम्बली भंग कर दी और उनके प्रधान फिरोज खान को डिसमिस कर दिया। पूर्ण पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान पर गवर्नर जनरल का राज्य स्थापित कर लिया।’’
‘‘यह सब करने के लिए इस्कन्दर मिर्जा ने क्लाट बलोचिस्तान के नवाब को विद्रोह करने पर तैयार किया। जब विद्रोह होने लगा तो सेना की सहायता से नवाब क्लाट को पकड़ लिया गया और उस पर मुकद्दमा चला दिया।’’
‘‘अभी तक कमाण्डर-इन-चीफ इस्कन्दर की सहायता करता रहा था। जब इस्कन्दर सर्वसर्वा बन गया तो अय्यूब एक रात इस्कन्दर मिर्जा के घर पर तीन उच्चसैनिक अधिकारियों के साथ जा पहुंचा। उसने उसे गवर्नर शिप से त्याग-पत्र देने पर विवश कर दिया। इस्कन्दर मिर्जा अपने जाल में फँस गया। वह सेना की सहायता से असेम्बली को भंग कर सर्वेसर्वा बना था। अब सेना ने उसको त्याग-पत्र देने पर विवश किया और अय्यूब स्वयं पहले गवर्नर जनरल और फिर डिक्टेटर बन गया।’’
|
|||||










