कहानी संग्रह >> गुप्त धन-1 (कहानी-संग्रह) गुप्त धन-1 (कहानी-संग्रह)प्रेमचन्द
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प्रेमचन्द की पच्चीस कहानियाँ
वफा का खंजर
जयगढ़ और विजयगढ़ दो बहुत ही हरे-भरे, सुसंस्कृत, दूर-दूर तक फैले हुए, मज़बूत राज्य थे। दोनों ही में विद्या और कला ख़ूब उन्नत थी। दोनों का धर्म एक, रहन-सहन एक, रस्म-रिवाज एक, दर्शन एक, तरक्क़ी का उसूल एक, जीवन का मानदण्ड एक, और ज़बान में भी नाम मात्र का ही अन्तर था। जयगढ़ के कवियों की कविताओं पर विजयगढ़ वाले सर धुनते और विजयगढ़ी दार्शनिकों के विचार जयगढ़ के लिए धर्म की तरह थे। जयगढ़ी सुन्दरियों से विजयगढ़ के घर-बार रोशन होते थे और विजयगढ़ की देवियाँ जयगढ़ में पुजती थीं। तब भी दोनों राज्यों में हमेशा ठनी रहती थी। ठनी ही नहीं रहती थी बल्कि आपसी फूट और ईर्ष्या-द्वेष का बाजार बुरी तरह गर्म रहता और दोनों ही हमेशा एक-दूसरे के ख़िलाफ़ खंजर उठाए थे। जयगढ़ में अगर कोई देश का सुधार किया जाता तो विजयगढ़ में शोर मच जाता कि हमारी ज़िन्दगी ख़तरे में है। इसी तरह विजयगढ़ में कोई व्यापारिक उन्नति दिखायी देती तो जयगढ़ में शोर मच जाता था। जयगढ़ अगर रेलवे की कोई नई शाख निकालता तो विजयगढ़ उसे अपने लिए काला साँप समझता और विजयगढ़ में कोई नया जहाज तैयार होता तो जयगढ़ को वह ख़ून पीने वाला घड़ियाल नज़र आता था। अगर यह बदगुमानियाँ अनपढ़ या साधारण लोगों में पैदा होतीं तो एक बात थी, मज़े की बात यह थी कि यह राग-द्वेष, विद्या और जागृति, वैभव और प्रताप की धरती में पैदा होता था। अशिक्षा और जड़ता की जमीन उनके लिए ठीक न थी। ख़ास सोच-विचार और नियम-व्यवस्था के उपजाऊ क्षेत्र में तो इस बीज का बढ़ना कल्पना की शक्ति को भी मात कर देता था। नन्हा-सा बीज पलक मारते-भर में ऊँचा-पूरा दरख़्त हो जाता था। कूचे और बाजारों में रोने-पीटने की सदाएँ गूँजने लगतीं, देश की समस्याओं में एक भूचाल-सा आता, अख़बारों के दिल जलाने वाले शब्द राज्य में हलचल मचा देते, कहीं से आवाज़ आ जाती—जयगढ़, प्यारे जयगढ़, पवित्र जयगढ़ के लिए यह कठिन परीक्षा का अवसर है। दुश्मन ने जो शिक्षा की व्यवस्था तैयार की है, वह हमारे लिए मृत्यु का संदेश है। अब ज़रूरत और बहुत सख़्त जरूरत है कि हम हिम्मत बाँधें और साबित कर दें कि जयगढ़, अमर जयगढ़ इन हमलों से अपनी प्राण-रक्षा कर सकता है। नहीं, उनका मुँह-तोड़ जवाब दे सकता है। अगर हम इस वक़्त न जागें तो जयगढ़, प्यारा जयगढ़, हस्ती के परदे से हमेशा के लिए मिट जाएगा और इतिहास भी उसे भुला देगा।
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