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भज गोविन्दम्

आदि शंकराचार्य

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :37
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9557

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ब्रह्म साधना के साधकों के लिए प्रवेशिका


भगवद्गीता किञ्चिदधीता,
गंगाजललवकणिका पीता।
सकृदपि येन मुरारिसमर्चा,
क्रियते तस्य यमेन न चर्चा ॥20॥

(भज गोविन्दं भज गोविन्दं,...)

जिसने भगवदगीता का थोडा सा भी अध्ययन किया है, भक्ति रूपी गंगा जल का कण भर भी पिया है, भगवान कृष्ण की एक बार भी समुचित प्रकार से पूजा की है, उसके पास यमराज कभी नहीं आते ॥20॥
(गोविन्द को भजो, गोविन्द को भजो,.....)

bhagavad giitaa kijnchidadhiitaa
gangaa jalalava kanikaapiitaa
sakridapi yena muraari samarchaa
kriyate tasya yamena na charchaa ॥20॥

Those who study Gita, even a little, drink just a drop of water from the holy Ganga, worship Lord Krishna with love even once, Yama, the God of death has no control over them. ॥20॥
(Chant Govinda, Worship Govinda…..)

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