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कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580

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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें



जहाँ पर आपका आभास होगा


जहाँ पर आपका आभास होगा

वहाँ पतझार भी मधुमास होगा

यूँ हीं होता नहीं लहरों में कम्पन
कोई प्यासा नदी के पास होगा

मेरे घर मंथरा है , कैकेयी है
मुझे भी एक दिन वनवास होगा

अगर होंगी कहीं वैभव की बातें
कटे हाथों का भी इतिहास होगा

जो हम लड़ते रहे भाषा को लेकर
कोई ग़ालिब न तुलसीदास होगा

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