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कटी पतंग

गुलशन नन्दा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :427
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9582

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एक ऐसी लड़की की जिसे पहले तो उसके प्यार ने धोखा दिया और फिर नियति ने।


''मैं दे दूंगी।''

''इनके पति का नाम?''

''चन्द्रशेखर।''

''आपका पता?''

''द्वारा, लाला जगन्नाथ, १६, लेक विव, नैनीताल।''

''थैंक यू।''

वह कार्यकर्ता पूछताछ करके चला गया लेकिन वह चुपचाप खड़ी उस 'लेक विव' की कल्पना करने लगी जिसने उसे पहले कभी नहीं देखा था।

यह सब कुछ करने की हिम्मत अगर कोई दिला रही थी तो वह थी पूनम की अन्तिम इच्छा और उस बच्चे का प्यार जो उसके सोने से चिपका उसके ब्लाउज के बटन से खेल रहा था।

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