लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> खामोश नियति

खामोश नियति

रोहित वर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :41
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9583

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

273 पाठक हैं

कविता संग्रह

मुलाकात

 

ना पाकर सामने लगता है,

कि वक्त ने किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया,

जहाँ से एक, दो, और कई रस्ते जाते हैं,

लेकिन एक रास्ता वापस भी आता है.........

समझकर लिखूंगा तो,

भूल जाऊंगा,

मिलकर लिखूंगा तो कल फिर आऊंगा,

कहानी ख़त्म होगी उस दिन,

जब खुद से मुलाकात करूँगा,

कुछ पैगाम दूंगा,

इस अदा का शुक्रगुजार रहूँगा.......।

¤ ¤

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Rohit Kumar

Respected Sir/Madam, I am very much thankful for this book....