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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

40. हम पावस के गीत

 

हम पावस के गीत और तुम बारिश की जलधार।
करें हम आओ जी भर प्यार।।

जब तुम रिमझिम-रिमझिम नाचो
हम मस्ती में झूमें।
और हमारे अक्षर-अक्षर
बूँद-बूँद को चूमें।
ऐसे में जो राग सजेगा होगा मेघ-मल्हार।
करें हम आओ जी भर प्यार।।

काग़ज़ वाली नौकाओं संग
तैर रहे हैं सपने।
इन सपनों में भी तुम लगते
सबसे ज़्यादा अपने।
तुम जो साथ रहोगे होंगे सब सपने साकार।
करें हम आओ जी भर प्यार।।

बादल-बिजली-इन्द्रधनुष की
ये ऋतु लगे सुहानी।
मन करता है हम रच डालें
ऐसी एक कहानी-
जिस गाथा को युगों-युगों तक गाये ये संसार।
करें हम आओ जी भर प्यार।।

 

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