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भाषा एवं साहित्य >> पीढ़ी का दर्द

पीढ़ी का दर्द

सुबोध श्रीवास्तव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :118
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9597

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संग्रह की रचनाओं भीतर तक इतनी गहराई से स्पर्श करती हैं और पाठक बरबस ही आगे पढ़ता चला जाता है।


हँसो


हँसो
खूब हँसो!

बस,
इतना ख्याल रखना कि
तुम्हारी-
उन्मुक्त हंसी
छीन न ले
किसी के होठों की-
बिन्दास मुस्कुराहट !

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