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ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



27

हँसाने की ख़ातिर रुलायेंगे कबतक


हँसाने की ख़ातिर रुलायेंगे कबतक।
हमें आप यूँ आज़मायेंगे कबतक।।

ये मन्दिर, ये मस्जिद, ये हिन्दू मुसलमाँ,
ज़माने को यूँ वरगलायेंगे कबतक।

समय खोल देगा हक़ीक़त किसी दिन,
हकी़क़त को आखि़र छुपायेंगे कबतक।

ये कहते नहीं कुछ ये सुनते नहीं कुछ,
बुतों को कहानी सुनायेंगे कबतक।

उन्हें ज़िद है मिलने न आयेंगे हमसे,
हमें देखना है न आयेंगे कबतक।

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Abhilash Trivedi

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