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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

4

मुल्ला अपने अध्यापक मित्र से मिलने विद्यालय में ही पहुँचे। आवभगत के पश्चात् मित्र ने मुल्ला से आग्रह किया कि वे उनके छात्रों से कोई प्रश्न पूछें।

मुल्लाजी ने लड़कों से पूछा-'बच्चो! छठवीं सदी के वीर पुरुषों में से किसी के बारे में बताओ।'

कक्षा में से एक लड़के ने हाथ उठाया। मुल्ला ने देखा तो कहा- 'हाँ-हाँ बेटे, शाबाश। खड़े होकर बताओ।

'जी वे सब मर चुके हैं।' लड़के ने खड़े होकर जवाब दिया।

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