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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

7

मुल्ला ने खूब छककर शराब पी थी, इसलिए सड़क के किनारे मदहोश पड़ा था। रात को शहर का दरोगा गश्त में निकला तो उसने मदहोश मुल्ला को पकड़कर थाने भेज दिया।

आधी रात के बाद जब मुल्ला का नशा कुछ कम हुआ तो उसने दरोगा से पूछा-' मैं कहाँ पर हूँ?'

'थाने में!' दरोगा ने बताया।

'मुझे यहाँ क्यों लाया गया?' मुल्ला ने कहा।

'शराब की वजह से!' थानेदार बोला।

'शुक्रिया, इतना ख्याल रहे, मैं सोडे के साथ पीता हूँ और दो पैग से ज्यादा न ले पाऊँगा।'

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