ई-पुस्तकें >> मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुलेविवेक सिंह
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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।
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मित्र-मण्डली में जोरदार गप्पें चल रही थीं। सब दोस्त शिकार के समय की अपनी-अपनी घटनाऐं बढ़ा- चढ़ाकर बता रहे थे। बेचारा मुल्ला चुपचाप सुन रहा था। एक दोस्त ने उसे भी उकसाया-'यार नसरू! तू भी तो पक्का निशानेबाज है, कोई आपबीती सुना।'
'अभी कल का ही वाकया है। मैंने एक जल-मुर्गी को बन्दूक का निशाना बनाया। ताज्जुब इस बात का है कि वह कम्बख्त मर जाने के बाद भी फुर्र से उड़ गयी।' मुल्ला ने हँसते हुए कहा।
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