नई पुस्तकें >> प्रेमी का उपहार प्रेमी का उपहाररबीन्द्रनाथ टैगोर
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रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गद्य-गीतों के संग्रह ‘लवर्स गिफ्ट’ का सरस हिन्दी भावानुवाद
जो मेरा पूजित है, केवल वही मुझे मिल जाय
मैं तो मागूँगा–मैं माँगता रहूँगा और अधिक से अधिक माँगता रहूँगा।
चाहे प्रकाश अपने सम्पूर्ण तारागणों सहित मुझे मिल जाय अथवा चाहे यह संसार ही अपनी अत्यन्त संम्पत्ति-सहित ही मुझे क्यों न मिल जाय, पर तिस पर भी मैं तो मागूँगा और माँगता ही रहूँगा।
परन्तु, यदि केवल वह मेरी हो जाय तो पृथ्वी के एक छोटे से कोने में पड़ा रहकर भी मैं संतुष्ट रहूँगा और फिर कुछ भी नहीं मागूँगा।
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