लोगों की राय

उपन्यास >> सुमति

सुमति

गुरुदत्त

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :265
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 7598

Like this Hindi book 1 पाठकों को प्रिय

327 पाठक हैं

बुद्धि ऐसा यंत्र है जो मनुष्य को उन समस्याओं को सुलझाने के लिए मिला है, जिनमें प्रमाण और अनुभव नहीं होता।


सुदर्शन की बारात में उसके कॉलेज के प्रायः सभी प्रोफेसर सम्मिलित हुए थे। उनमें से अधिकांश यह जानते थे कि सुदर्शन श्रीपति की बहन नलिनी के साथ घूमता रहता है। वे श्रीपति को बारात में न आया देख, उसके विषय में ही परस्पर बातें करने लगे। एक ने कहा, ‘‘श्रीपति चन्द्रावरकर नहीं आया।’’

यह सुन एक अन्य प्रोफेसर हँस पड़ा।

पहले ने पूछ लिया, ‘‘क्यों, हँसे क्यों हो?’’

‘‘तो तुम नहीं जानते मैं क्यों हँसा हूं?’’

‘‘नहीं।’’

‘‘उसको सुदर्शन के इस विवाह से बहुत दुःख हुआ है।’’

‘‘दुःख क्यो? उसका अपना विवाह हुए तो कई वर्ष व्यतीत हो चुके हैं।’’

‘‘तुम भी बुद्धू हो! उसकी बहन नलिनी का विवाह सुदर्शनलाल से होने वाला था।’’

‘‘सच! इस हरजाई से?’’

‘‘हरजाई! यह कैसे कहते हो?’’

‘‘यह मेरा रहस्य है।’’

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book