उपन्यास >> प्रगतिशील प्रगतिशीलगुरुदत्त
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इस लघु उपन्यास में आचार-संहिता पर प्रगतिशीलता के आघात की ही झलक है।
‘‘सायं पांच बजे।’’
‘‘डॉक्टर मिले थे?’’
‘‘नहीं। उनकी एसिस्टैंट डॉक्टर मिस स्मिथ मिली थीं। उन्होंने घटना का विवरण बताया था।’’
‘‘आप डॉक्टर साहनी को किस प्रकार जानती हैं?’’
महेश्वरी ने अपना परिचय छिपाने की दृष्टि से कह दिया, ‘‘डॉक्टर की लड़की मेरी सहेली थी।’’
‘‘ओह! लैसली? वह बहुत ही सुन्दर और उच्च विचारों वाली लड़की है।’’
‘‘क्या आप उसे जानती हैं?’’
‘‘हां, वह मेरी सहेली है। हम दोनों ‘गर्ल्ज क्लब’ जो कैथोलिक मतावलम्बियों द्वारा लड़कियों का चरित्र सुधारने के लिए बनाया है, की सदस्या हैं।
‘‘लैसली एक स्टूडियों में कार्य करती है। वहां उसकी ड्यूटी एक सप्ताह तो रात्रि की होती है और दूसरे सप्ताह दिन की। जब दिन की ड्यूटी होती थी तो हम प्रायः मिला करती थीं। परन्तु जब से उसका विवाह हुआ है, हमारा मेल-जोल कम हो गया है।’’
‘‘कैसा है मिस लैसली का हसबैण्ड?’’ महेश्वरी ने जान-बूझ कर अपना मदन के विषय में ज्ञान छिपाने के लिए पूछा।
इलियट ने बताया, ‘‘जब वह हिंन्दुस्तान से आकर यहां ठहरा था, पहले ही दिन मैं उससे मिली थी। मैंने आपको बताया था न, मुझे एक भारतीय युवक मिला था?
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