लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> अंतिम संदेश

अंतिम संदेश

खलील जिब्रान

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :74
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9549

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

9 पाठक हैं

विचार प्रधान कहानियों के द्वारा मानवता के संदेश

(7)


और एक दिन, जबकि वे श्वेत चिनार के वृक्षों के लम्बे साये में बैठे हुए थे, उनमें से एक बोला, "प्रभो, मैं समय से डरता हूं। वह हम पर से गुजरता है हमसे हमारा यौवन लूट ले जाता है और बदले में हमें देता क्या है?"

और उसने उत्तर दिया और कहा, "अभी एक मुट्ठी-भर मिट्टी तुम हाथ में लो। क्या तुम्हें उसमें कोई बीज अथवा कोई कीटाणु दिखाई पड़ता है? यदि तुम्हारे हाथ विस्तीर्ण और चिरस्थायी हैं तो बीज एक बन सकता है और कीटाणु अप्सराओं का एक झुण्ड। और यह न भूलो कि वर्ष, जिन्होंने बीज को वन तथा कीटाणु को अप्सरा बनाया, इसी ‘अब’ से संबंधित हैं, समस्त वर्ष इस ‘अब’ से ही।”

"वर्षों की ऋतुएं तुम्हारे परिवर्तित होते विचारों के अतिरिक्त और क्या है? बाहर तुम्हारे हृदय में एक जागरण है, और ग्रीष्म तुम्हारी स्वयं की परिपूर्णता की स्वीकृति ही तो है। क्या शरद तुम्हारे में उसे, जो कि अभी भी बच्चा है, लोरियां सुनाने वाला पुरातन नहीं है? और मैं तुमसे पूछता हूं, हेमन्त एक निद्रा के अतिरिक्त, जोकि दूसरी ऋतुओं के सपनों से फूलकर मोटी हो गई है, और क्या है?"

और तब जिज्ञासु शिष्य मानस ने अपने चारों ओर दृष्टि दौडा़ई और देखा कि अंजीर के वृक्ष पर फूलों से लेकर नीचे तक एक बेल चिपकी हुई है। वह बोला, "पराश्रितों को देखिए प्रभो, वे भारी पलकों वाले चोर हैं, जोकि सूर्य के निश्चल बच्चों से प्रकाश चुरा लेता है और उस रस का, जोकि उनकी शाखाओं और पत्तियों में दौड़ता है, पीकर भोज मनाते हैं।"

और उसने यह कहकर उत्तर दिया, "मेरे मित्र, हम सभी पराश्रयी हैं। हम, जोकि भूमि को मेहनत करके धड़कते हुए जीवन में परिवर्तित करते हैं, उनसे ऊपर नहीं है, जो प्रत्यक्ष मिट्टी से ही जीवन प्राप्त करते हैं, यद्यपि मिट्टी को समझते नहीं हैं।”

"क्या मां अपने बच्चे से यह कहेगी, मैं तुझे प्रकृति को, जोकि तेरी बडी़ मां है, वापस देती हूं, क्यों तू मुझे परेशान करता है, मेरे हृदय तथा हाथों को ?”

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai