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खामोश नियति

रोहित वर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :41
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9583

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कविता संग्रह

आग की लपटें बुझ गई, बारिश की बौछार से ........

उस राख में अभी भी वो अधूरी तस्वीर थी,

जो बारिश की बूँदों से मिट गई थी.......

पत्तों से बनी एक तस्वीर देखी,

एक और कई तस्वीर देखी,

कब तक चलते रहेंगे,

आज छाँव देखी,

ठहर गया वक्त का चलना जब,

मैने जलती हुई राख देखी।

¤ ¤

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Rohit Kumar

Respected Sir/Madam, I am very much thankful for this book....