ई-पुस्तकें >> पथ के दावेदार पथ के दावेदारशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
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हम सब राही हैं। मनुष्यत्व के मार्ग से मनुष्य के चलने के सभी प्रकार के दावे स्वीकार करके, हम सभी बाधाओं को ठेलकर चलेंगे। हमारे बाद जो लोग आएंगे, वह बाधाओं से बचकर चल सकें, यही हमारी प्रतिज्ञा है।
अय्यर झुक पड़ा। भारती ने मोमबत्ती उठा ली। तार बहुत लम्बा था। उसकी भाषा अंग्रेजी थी। अर्थ भी स्पष्ट था। लेकिन सुमित्रा का चेहरा गम्भीर हो उठा। दो-तीन मिनट के बाद उसने मुंह ऊपर उठाकर कहा, कोड की सभी बातें मुझे याद नहीं हैं। हम लोगों के शंघाई के जैमेका क्लब और क्रूगर ने तार भेजा है। इसके सिवा मैं और कुछ नहीं समझ सकी।
डॉक्टर बोले, क्रूगर ने तार भेजा है केंटन से। पुलिस वालों ने बड़े तड़के शंघाई के जैमेका क्लब को घेर लिया था। पुलिस के तीन आदमी और अपना विनोद मारे गए हैं। दोनों भाई महताब और सूर्य सिंह गिरफ्तार हो गए हैं। अयोध्या हांगकांग में है। दुर्गा और सुरेश पेनांग में हैं। सिंगापुर के जैमेका क्लब के लिए पुलिस सारे शहर में तूफ़ान मचाती हुई घूम रही है। कुल समाचार यही है।
समाचार सुनकर कृष्ण अय्यर का चेहरा पीला पड़ गया।
डॉक्टर बोले, वह दोनों भाई रेजिमेंट छोड़कर कब और क्यों शंघाई चले गए - मैं नहीं जानता। सुमित्रा, वास्तव में ब्रजेन्द्र कहां है, जानती हो?
प्रश्न सुनकर सुमित्रा अवाक् हो गई।
जानती हो?
पहले तो सुमित्रा के गले से किसी भी तरह की कोई आवाज़ नहीं निकली, फिर गर्दन हिलाकर बोली, 'नहीं।
कृष्ण अय्यर ने कहा, वह यह काम कर सकता है - मुझे विश्वास नहीं होता।
डॉक्टर ने 'हां' 'ना' कुछ भी नहीं कहा। चुपचाप बैठे रहे।
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