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ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720

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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



2

चाहे धरती या आसमान में हूँ,


चाहे धरती या आसमान में हूँ,
हर घड़ी जैसे इम्तेहान में हूँ।

आपको है यक़ीं छलांगों पर,
मैं मुसलसल हूँ, इत्मीनान में हूँ।

बा-अदब हूँ जो हूँ ज़बानों पर,
चीख बनकर मैं बेज़ुबान में हूँ।

रोज़ मिलता हूँ मैं हक़ीक़त से,
मत समझना किसी गुमान में हूँ।

तू तो शामिल है मेरी ग़ज़लों में,
क्या कहीं मैं भी तेरे ध्यान में हूँ।

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Abhilash Trivedi

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