लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836

Like this Hindi book 0

मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

10

'मुल्लाजी, मुझे कुछ रुपयों की जरूरत है। यों तो मेरे काफी दोस्त हैं और मैं अगर चाहूँ तो उनसे काफी रुपये उधार ला भी सकता हूँ। मगर मैं 'जुआ' जैसे काम के लिए दोस्तों से उधार माँगना पसन्द नहीं करता।' मुल्ला के परिचित एक जुआरी ने मुल्ला से कहा।

'ठीक है दोस्त, ऐसे बेहूदे काम के लिए दोस्तों से कर्ज लेना उचित भी नहीं है। आज से मुझे भी अपना जिगरी दोस्त समझिये।'

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book